यहां 12वीं पास कर रहे गाड़ियों के प्रदूषण की जांच, कैग ने सालाना रिपोर्ट में उठाए सवाल
देश दुनिया में साल दर साल खतरनाक हो रहे प्रदूषण को लेकर जहां हायतौबा मची हुई है वहीं देहरादून में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से संचालित तीन प्रदूषण मॉनीटरिंग स्टेशनों की जांच में विशेषज्ञों की जगह फील्ड सहायक के तौर पर 12वीं पास युवाओं को लगाया गया है।
 

कैग ने अपनी सालाना रिपोर्ट में इस पर आपत्ति जताई है। कैग ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से राजधानी देहरादून में लगाए गए तीन प्रदूषण गुणवत्ता निगरानी स्टेशन ठीक से डाटा जुटा नहीं रहे हैं।

 

मॉनीटरिंग स्टेशनों मेें वाहनों के प्रकार और उनकी संख्या के बारे में जानकारी रखी जानी चाहिए थी। लेकिन इसकी अनदेखी की जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक तापमान, आद्रता, हवा की गति और दिशा के संबंध में भी कोई डाटा जुटाया नहीं जा रहा है।


 



तीनों मानीटरिंग स्टेशनों को बारिश और धूप से बचाने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक फील्ड सहायकों को पर्यावरण रसायन शास्त्र में एमएससी डिग्रीधारक होना चाहिए, लेकिन जांच में पता चला है कि सभी फील्ड सहायकों की शैक्षिक योग्यता 12वीं स्तर की है।


मॉनीटरिंग स्टेशनों पर निर्बाध बिजली की आपूर्ति का प्रावधान होना चाहिए ताकि प्रदूषण की 24 घंटे निगरानी की जा सके। लेकिन स्टेशनों पर पावर बैकअप के लिए कोई सुविधा नहीं है। इस संबंध में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव एसपी सुबुद्धि ने बताया कि बोर्ड में विशेषज्ञों की कमी है।

 

इसके बावजूद मानीटरिंग का काम विशेषज्ञों की मदद से कराया जा रहा है। बोर्ड में मानक के अनुरूप विशेषज्ञों की तैनाती को लेकर सरकार, शासन से लिखापढ़ी की जा चुकी है।